दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना | Deen Dayal Upadhyaya Grameen Kaushalya Yojana in hindi

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना | Deen Dayal Upadhyaya Grameen Kaushalya Yojana in hindi

यह योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों की आय में विविधता जोड़ते हुए उनकी आय में बढ़ोत्तरी करना और ग्रामीण युवाओं के करियर और रोजगार में वृद्धि करना है. इस योजना के बारे में यहाँ दर्शाया जा रहा है. दीन दयाल उपाध्याय स्वनियोजन योजना यहाँ पढ़ें.

डीडीयू-जीकेवाई योजना के लॉन्च का विवरण (Deen Dayal Upadhyaya Grameen Kaushalya Yojana Launch Date)

भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 25 सितम्बर 2014 को दीन दयाल उपध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (डीडीयू- जीकेवाई) अंत्योदय दिवस की घोषणा की. जिसे केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और वेंकैया नायडू ने पंडित दीन दयाल उपध्याय की 98वीं जयंती के अवसर पर शुरू किया था.   

डीडीयू-जीकेवाई योजना की मुख्य विशेषताएं (DDU-GKY Yojana Features)

  • इस योजना से 55 मिलियन से अधिक गरीब ग्रामीण युवाओं को लाभ प्राप्त होगा. इसके तहत उन्हें स्थायी रोजगार प्रदान कर कुशल बनाया जायेगा. गरीबों को लाभ पहुँचाने में इस योजना से मदद मिलेगी. दीन दयाल उपाध्याय अन्त्योदय योजना यहाँ पढ़ें.
  • इससे समाज में सामाजिक रूप से वंचित समूहों जैसे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के 50%, अल्पसंख्यक समुदाय के 15% और महिलाओं को 33% शामिल करने की और लाभ पहुँचाने की योजना है.
  • प्रशिक्षण से लेकर उनके करियर बनने तक सभी मुद्दों पर ध्यान दिया गया है. प्रशिक्षण के दौरान आवास और भोजन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.
  • चयनित उम्मीदवारों के छह महीने के लिए पोस्ट प्लेसमेंट का समर्थन, माईग्रेशन का समर्थन प्रदान करना इसकी विशेषता है. प्लेसमेंट परामर्श सुविधा और एक वर्ष के लिये ट्रेकिंग सहित कई ऐसे व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान करना जिनके लिए किसी औपचारिक शिक्षा की आवश्यकता नहीं होती है. 
  • कम से कम 75% उम्मीदवारों के प्लेसमेंट की गारंटी इस योजना के तहत रखी गयी है.
  • नए प्रशिक्षण सेवा को प्रदान कर उन्हें कुशल बनाकर उनमें कौशल्य विकसित किया जायेगा.
  • क्षेत्रीय- जम्मू कश्मीर में गरीब ग्रामीण युवाओं के लिए परियोजना पर अधिक ज़ोर दिया गया है. उत्तर पूर्वी क्षेत्र के 27 जिलो पर भी विशेष ध्यान दिया गया है.

डीडीयू-जीकेवाई योजना की पात्रता या योग्यता मानदंड (DDU-GKY Yojana Eligibility)

15 से 35 वर्ष के आयु वर्ग के गरीब ग्रामीण परिवारों के युवा इस योजना के पात्रता की योग्यता रखते है. डीडीयू- जीकेवाई ने गरीबों की भागीदारी की पहचान (पीआईपी) के लिए निम्न पात्रता रखी है-

  • जिनके नाम बीपीएल सूची में है. इसके अलावा पीडीएस सूची में भी जिनके नाम शामिल है.
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में नाम शामिल होना चाहिए.
  • गांव के परिवार के सदस्य एसएचजी के सदस्य के रूप में पंजीकृत हो.
  • परिवार का सदस्य पिछले 12 महीनों में कम से कम 15 दिन के लिए महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) के तहत मजदूरी किया हो.
  • महिला उम्मीदवारों, विकलांग व्यक्तियों, ट्रांसजेंडर, अन्य विशेष समूह जैसे कि बंधुआ श्रमिक, एचआईवी पीड़ित इत्यादि के साथ ही विशेष रूप से कमजोर जातीय समूह के लिए आयु सीमा में 10 साल की छुट प्रदान की गयी है. अर्थात इनके लिए आयु सीमा 45 वर्ष कर दी गयी है.      

डीडीयू-जीकेवाई योजना में प्रशिक्षण का विवरण (DDU-GKY Yojana Training)

इस योजना के तहत कई प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाता है, जिनमें से कुछ का उल्लेख निम्नलिखित है-

  • वेल्डिंग का प्रशिक्षण
  • बुजुर्ग लोगों के लिए घरेलू नर्सिंग या स्वास्थ्य निर्माण का प्रशिक्षण  
  • ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग की देखभाल का प्रशिक्षण  
  • चमडा उद्योग से सम्बंधित प्रशिक्षण
  • विद्युत से सम्बंधित
  • आभूषण कारीगरी से सम्बंधित

इसी तरह के 250 से अधिक व्यापारिक प्रशिक्षण डीडीयू-जीकेवाई योजना के तहत दिए जाते है. इस योजना की सबसे बड़ी बात यह है कि जो भी प्रशिक्षण दिया जाता है, वह कौशल्य प्रशिक्षण मांग के आधार पर दिया जाता है. जिससे की ज्यादा से ज्यादा संख्या में युवा रोजगार हासिल कर सके.                       

डीडीयू-जीकेवाई योजना के अंतर्गत वेतन विवरण और शुल्क (DDU-GKY Yojana Training Salary)

  • ट्रेनिंग की अवधि तक प्रत्येक बच्चे पर सरकार 25,000 रूपये से 1,22,000 रूपये तक का खर्चा करेगी. ये उनकी ट्रेनिंग के समय 3 महीने, 6 महीने और 1 साल की अवधि के ऊपर निर्भर करेगा कि कितना खर्च होगा. ट्रेनिंग के लिए सरकार प्रत्येक राज्यों के योजना क्रियान्वयन एजेंसी या टर्निंग पार्टनर के साथ मिलकर ट्रेनिग की व्यवस्था करेगी.
  • नौकरी दिलाने की जिम्मेवारी पूरी तरह से ट्रेनिग पार्टनर की होगी सरकार इस पर कड़ी नजर रखेगी. नौकरी से सम्बंधित सभी जानकारियां जैसे की वेतन, जिस बैंक में वेतन जमा हुआ है उसका पूरा ब्यौरा देना होगा.

DDU-GKY yojana

डीडीयू-जीकेवाई योजना की कार्यान्वयन प्रक्रिया (DDU-GKY Yojana Implementation)

यह योजना तीन स्तर पर कार्य करती है-

  • एमडीआरडी में यह योजना नेशनल यूनिट नीति बनाने के साथ ही तकनीकी सहायता और सुविधा एजेंसी के रूप में कार्य करती है.
  • इस योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्य मिशन अपना समर्थन प्रदान करता है.
  • परियोजना कार्यन्वयन एजेंसियां स्किलिंग और प्लेसमेंट परियोजना के माध्यम से कार्यक्रम लागू करते है.

इस योजना के कार्यान्वयन में मुख्य भूमिका निभाएंगे स्वयं सहायता समूह, ग्राम पंचायत और नौकरी की सुचना देने वाले व्यक्ति, जो देश भर के हर जिले में फैलें होंगे. ये घर घर जाकर उन सभी परिवारों या उनके सदस्यों को इस योजना के बारे में समझायेंगे और ट्रेनिग लेकर नौकरी पाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. 

डीडीयू-जीकेवाई योजना की आवेदन प्रक्रिया (How to Apply For DDU-GKY Yojana in hindi)

  • आवेदन करने के लिए सबसे पहले डीडीयू-जीकेवाई के पोर्टल http://ddugky.gov.in/member/login?current=node/220 पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करें. 
  • पोर्टल का पेज खुलते ही आप अपने ईमेल आईडी को डालेंगे फिर पासवर्ड डालेंगे. उसके बाद जो भी व्यक्तिगत सूचना जैसे कि नाम, पता, उम्र, लिंग, शहर, जिला, संपर्क इत्यादि का विवरण डालेंगे, फिर आप अपना व्यावसायिक विवरण और अकाउंट नम्बर को डाल कर जमा कर देंगे.
  • उसके बाद आपके ईमेल पर एक मेल आएगा जिसमे आपके अकाउंट का वेरिफिकेशन माँगा जायेगा जिसे आपको मेल में दिए गए लिंक पर डालना होगा. इसके बाद धन्यवाद सन्देश आएगा, साथ ही कोर्स के लिए विकल्प आयेगा, जिसमे दो विकल्प दिए गए होंगे. आप ध्यानपूर्वक सारे विवरण को देखकर आवेदन को भरें.
  • आपके सामने विवरणों को भरने के बाद नामंकन का विकल्प आएगा, जिसमे नामांकन होने के बाद आपके सामने विषय से जुडी सारी जानकारी उपलब्ध हो जाएगी.           

डीडीयू-जीकेवाई योजना की भर्ती और नियुक्ति का विवरण (DDU-GKY Yojana Selection Process)

  • इस योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले की रूचि और उसकी योग्यता और काउंसिलिंग के आधार पर पुरे सोच विचार के बाद निर्णय लेकर उन्हें ट्रेनिग दी जायेगी.                   
  • जो बच्चे 8वीं पास भी नहीं कर पाए है उनके लिए पहले शिक्षा की व्यवस्था की गयी है, उन्हें 10 वीं तक पढाई करने के बाद ट्रेनिग फिर नौकरी प्रदान की जाएगी. कंप्यूटर और अंग्रेजी का प्रशिक्षण इस योजना का हिस्सा है.
  • बाजार की मांग के अनुसार कोर्स तैयार किये जायेंगे और उसके लिए विधार्थियों को प्रशिक्षित किया जायेगा.  

निष्कर्ष (Conclusion)

भारत के ग्रामीण गरीबों को आधुनिक बाजार में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि शिक्षा और कौशल विकास की कमी इत्यादि, यह योजना प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ ही प्लेसमेंट, करियर की प्रगति और विदेशी प्लेसमेंट पर भी जोर देती है.

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