खाद सब्सिडी की डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर योजना | Direct Benefit Transfer of Fertilizer Subsidy Scheme in hindi
भारत के ग्रामीण क्षेत्रो में कृषि एक बहुत महत्वपूर्ण जीवन यापन का साधन है. साथ ही कृषि होने के कारण ही देश के लोगों का भरण पोषण होता है. इस वजह से किसी भी सरकार को किसान का ध्यान रखना अतिअनिवार्य है. मोदी सरकार ने सब्सिडी भुगतान के लिए एक नया रास्ता निकाला है, जिसकी सहायता से यह भुगतान कम समय में हो जाएगा. यह भुगतान किसानों को खेती के लिये खाद की सब्सिडी के लिए दिया जाएगा. इसके आने से किसानों को सीधे तौर पर लाभ प्राप्त होगा और उन्हें खाद खरीदने में सब्सिडी की प्राप्ति होगी. यहाँ पर इस योजना से सम्बंधित सभी आवश्यक जानकारी दी जायेगी.
डीबीटी योजना का लॉन्च (Direct Benefit Transfer Scheme Launched)
इस योजना की शुरुआत 1 सितम्बर 2017 से की गयी है. इसे बजट सत्र 2017-18 के लिए तय किया गया है.
डीबीटी योजना की विशेषताएँ (Direct Benefit Transfer Scheme Features in hindi)
इस योजना की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है.
- इस योजना के तहत विभिन्न किसानों को अलग अलग तरह के खाद खरीदने के लिए खाद पर सब्सिडी प्राप्त हो सकेगी. यह सब्सिडी विभिन्न खाद कम्पनियां अपने किसान ग्राहकों को खाद खरीदने पर देगी.
- इस सब्सिडी के अधीन खाद खरीदने के लिए PoS सिस्टम का इस्तेमाल होगा. इस तरह से खाद के क्रय विक्रय का सारा ब्यौरा सरकार को तात्कालिक रूप से प्राप्त होता रहेगा.
- तात्कालिक सूचना के अनुसार अब तक देश भर के लगभग 2 लाख खाद रिटेलर के पास PoS सिस्टम स्थापित किया गया है. इस तरह से सरकार इन सभी रिटेलर के ख़रीद बिक्री का ब्यौरा प्राप्त करने सब्सिडी का नियमन और नियंत्रण कर रही है,.
- इस सिस्टम के प्रयोग से सभी कार्य पूर्ण रूप से रिसिप्ट पर आधारित होंगे और इससे कालाबाजारी पर रोक लगेगी.
- PoS इस्तेमाल करने से खाद बाजार में होने वाले सब्सिडी लीकेज का नियंतार्ण किया जा सकेगा.
- इस सिस्टम की सहायता से सरकार खाद बेचने वाले रिटेलर और किसान के बीच का लेनदेन पूरी तरह से डिजिटल बना देगी. इस तरह से सभी प्रक्रियाएं जहाँ एक तरफ तेज हो जायेंगी वहीँ दूसरी तरफ़ सिस्टम में पारदर्शिता भी आएगी.
- इस सिस्टम की सहायता से सरकार को तात्कालिक रूप से ये भी पता चल सकेगा कि कितने किसानों ने खाद ख़रीदा और सब्सिडी का लाभ उठाया.
डीबीटी योजना के लिए योग्यता (Direct Benefit Transfer Scheme Eligibility)
इस स्कीम के सरकार ने कुछ आवश्यक मापदंड तय किये है, जिसका वर्णन नीचे किया जा रहा है. सब्सिडी पाने के लिए किसानों को इन मापदंडों को मानना अनिवार्य है.
- चूँकि इस योजना का आरम्भ सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए किया है. अतः इस योजना का सम्पूर्ण लाभ किसी किसान अथवा खेत के मालिक को प्राप्त हो सकेगा.
- इस योजना के अंतर्गत सभी खाद निर्माता अपने आर्गेनिक तथा ग़ैरआर्गेनिक खाद के व्यापार को पंजीकृत करा सकते हैं.
- इस योजना के अंतर्गत उन सभी खाद रिटेलर को लाभ प्राप्त होगा, जो किसानों को अपना खाद बेचते हैं. हालाँकि इन रिटेलर का पहले से पंजीकृत होना आवश्यक है.
डीबीटी योजना के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट (Direct Benefit Transfer Scheme Required Documents)
इस योजना के अंतर्गत लाभ उठाने के लिए आवश्यक दस्तावेजों का वर्णन नीचे किया जा रहा है.
- इस योजना के अंतर्गत ऑनलाइन पंजीकरण कराने के लिए किसानों को अपने से सम्बंधित दस्तावेज़ की ज़ेरॉक्स प्रति जमा करने की आवश्यकता होती है. इस दस्तावेज की सहायता से किसान का उसकी जमीन पर मालिकाना हक पता चलना चाहिए.
- इस योजना के लिए चूँकि PoS मशीन का प्रयोग हो रहा है. अतः किसानों के अपने आधार कार्ड की प्रति भी इस योजना के लाभ उठाने के लिए आवश्यक है. Pos मशीन ग्राहक सम्बंधित सभी जानकारियां आधार कार्ड से प्राप्त कर लेगा.
- इस योजना के अंतर्गत आने वाले सभी पंजीकृत रिटेलर को अपने और अपनी दूकान से सम्बंधित समस्त डॉक्यूमेंट सरकार के पास जमा करने की आवश्यकता होगी.
- रिटेलर को अपने दूकान की स्लिप और स्टॉक बुक भी सालाना तौर पर सरकार के पास जमा करना पड़ेगा.
डीबीटी सब्सिडी प्रोडक्ट की सूची (Direct Benefit Transfer Subsidy Products List)
- डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर) के अंतर्गत किसानों को लाभ प्राप्त होना उसी क्षण से शुरू हो गया है, जब इसे लॉन्च किया गया. अतः किसानों को अपने सभी तरह के खाद की खरीदारी पर सब्सिडी प्राप्त होना शुरू हो जाएगा.
- हालाँकि इस सब्सिडी को प्राप्त करने के लिए किसान को किसी पंजीकृत खाद रिटेलर से खाद खरीदने की आवश्यकता होती है.
- सरकार इस सिस्टम के तहत होने वाले सभी तरह के ट्रांजक्शन को ट्रैक करेगी.
- खरीदारी के दो दिनों के अन्दर ही खाद निर्माता को सब्सिडी की राशि प्राप्त हो जायेगी.
डीबीटी योजना का क्रियान्वयन (Direct Benefit Transfer Scheme Implementation)
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर की कार्यविधि का वर्णन नीचे किया जा रहा है.
- हालाँकि सरकार ने इस सिस्टम की शुरुआत करने की तारीख 1 अक्टूबर 2017 के लिये तय की थी, किन्तु PoS मशीन की कमी के कारण इस सिस्टम को आरम्भ करने में अपेक्षाकृत अधिक समय लगा.
- सरकार की तरफ से ये भी बात सामने आई है कि तात्कालिक समय में इसी तरह के पायलट प्रोजेक्ट 14 विभिन्न जिलों में चल रहे है. 1 अप्रैल 2018 से सरकार इस सिस्टम को देश भर में फैलाने का प्रयत्न करेगी.
- इस योजना को लागू करके सरकार लगभग 14 करोड़ किसानों को इस योजना से जोड़ना चाहती है. इस तरह से एक बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित हो पाएंगे.
- इसके उपरान्त सरकार सभी रिटेलर को डीबीटी सिस्टम के अंतर्गत लाना चाहती है, ताकि सभी तरह के लेनदेन का ब्यौरा सरकार के पास जा सके.
खाद सब्सिडी की डीबीटी योजना कैलकुलेटर (Direct Benefit Transfer For Fertiliser Subsidy Calculator)
खाद सब्सिडी के हिसाब करने की प्रक्रिया भिन्न है, जिसका वर्णन नीचे किया जा रहा है.
- सरकार ने राज्यों में किसानों को सब्सिडी देने के लिए प्रति यूनिट के रूप में इसका हिसाब बैठाया है. सरकार ने इसे इसके k और p दोनों तरह के खाद के लिए तय किया है.
- इसके बाद इस यूनिट को इन दोनों तरह के कुल खाद उपयोग के आधार पर बांटा जाएगा.
- इसके बाद इस यूनिट को k और p तरह के खाद के वास्तविक खपत के अनुसार आवंटित किया जाएगा.
डीबीटी एप्लीकेशन सिस्टम (Direct Benefit Transfer Application System)
डीबीटी एप्लीकेशन सिस्टम का वर्णन निम्नलिखित है.
- इस योजना की रूप रेखा से यह सुनिश्चित है कि सरकार ने इस योजना का आरम्भ खाद में किसानों को प्राप्त होने वाली सब्सिडी के नियमन के लिए किया है.
- इस सिस्टम के आने के बाद सरकार इस बात पर निश्चिन्त रहेगी कि इस योजना का लाभ केवल सही किसानों को प्राप्त हो रहा है.
- किसानों के लिए यह सुविधा वाली बात होगी कि उनके द्वारा प्राप्त सब्सिडी, ख़रीद आदि का सारा ब्यौरा सरकार के पास डिजिटल सिस्टम के माध्यम से सुरक्षित रहेगा.
- इस योजना के अंतर्गत शामिल होने के लिए किसी भी रिटेलर को अपने अब तक के सभी तरह के रिकॉर्ड अपलोड करने होंगे. यदि कोई खाद निर्माता (मैन्युफैक्चरर) सब्सिडी प्राप्त करना चाहता है, तो यह कार्य करना अनिवार्य है.
- तात्कालिक समय में सरकार इस बात पर ध्यान दे रही है कि देश के अधिक से अधिक खाद रिटेलर के पास PoS सिस्टम इंस्टाल हो और वह उसका प्रयोग अपने विनिमय के लिए करे.
डीबीटी योजना के लिए बजट (Direct Benefit Transfer Scheme Budget)
इस योजना का आरम्भ सरकार ने बजट सत्र 2017-18 के बीच के लिए किया है. सरकार ने इस योजना की सफलता के लिए कुल रू 70,000 करोड़ का बजट तय किया है, इस बजट का प्रयोग करके सरकार 2 लाख रिटेलर तक सब्सिडी सेवा पहुंचाने की कोशिश कर रही है. इस तरह से इस योजना की सहायता से सरकार ने किसानों तक उनके हक़ की सब्सिडी पहुंचाने की कोशिश की है.
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