झारखण्ड की मुख्यमंत्री शैक्षणिक भ्रमण योजना | Jharkhand Chief Minister Educational Tour Plans in hindi
झारखंड राज्य की सरकार अपने राज्य के नागरिकों के लिए कई योजनायें शुरू कर रही है उन्हीं में से एक छत्रों के लिए हैं जिसका नाम है मुख्यमंत्री शैक्षणिक भ्रमण योजना. इस योजना के तहत विद्यार्थी वर्ग अपनी संस्कृति का ज्ञान प्राप्त करने के अलावा विदेशी संस्कृति का भी ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे और अपने व्यक्तित्व में निखार ला कर राज्य के विकास में बहुमूल्य योगदान देंगे. ज्ञानोदय योजना झारखंड – शिक्षकों को मुफ़्त टेबलेट वितरण योजना यहाँ पढ़ें.
मुख्यमंत्री शैक्षणिक भ्रमण योजना के लॉन्च का विवरण (Chief Minister Educational Tour Plans Launch Date)
झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव आराधना पटनायक, रांची के डीआरएम वी के गुप्ता और रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा लोगों के समूह के साथ मुख्यमंत्री ने भ्रमण शिक्षण योजना के शुभारंभ के दौरान हटिया रेलवे स्टेशन से सरकारी स्कूलों के बच्चों को भ्रमण कराने वाली विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. इस योजना को उन्होंने 18 सितम्बर 2017 को लॉन्च किया.
मुख्यमंत्री शैक्षणिक भ्रमण योजना का उद्देश्य (Chief Minister Educational Tour Plans Objective)
अन्य राज्य की संस्कृति, कला, विशेषता और पुरातत्व ज्ञान को बढ़ाने और समझने से ही छात्रों का सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकसित होगा और ये राज्य को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. छात्र किसी भी राज्यों के शहरों में होने वाले विकास से परिचित होंगे. सरकार द्वारा मिल रही सुविधा का उपयोग करके छात्रों में आत्मविश्वास का निर्माण करने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत हुई है. शहीद ग्राम विकास योजना यहाँ पढ़ें.
मुख्यमंत्री शैक्षणिक भ्रमण योजना की मुख्य विशेषताएँ (Chief Minister Educational Tour Plans Features in hindi)
- इस योजना पर लगभग 1 करोड़ रूपये का खर्च सरकार द्वारा किया जायेगा, जिससे लगभग 300 सरकारी स्कूल के बच्चों को इस महत्वकांक्षी योजना के तहत इस वर्ष में भ्रमण कराया जायेगा. इसमें उन बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जायेगा जो निम्न आय वाली पृष्ठभूमि से आते है.
- इस योजना की शुरुआत होने के बाद पहली ट्रेन जो बच्चों के पहले बैच या जत्थे को भ्रमण कराएगी, उसमे विभिन्न जिलों के 900 बच्चों का समूह है. छात्र जीवन में किसी भी चीज को जानने और समझने की उत्सुकता रहती है, शैक्षिणिक पर्यंटन में शिक्षक बच्चों को एतिहासिक इमारतों, स्थान, इतिहास, वास्तुकला और उनसे जुडी संस्कृति इत्यादि की जानकारी प्रदान करेंगे.
- इस योजना के तहत 50 शिक्षकों के समूह को बच्चों के साथ भेजा गया है. बच्चों में खेल, शिक्षा और उनके समग्र बौद्धिक विकास के लिए नए स्थानों की यात्रा भी बहुत महत्व रखती है.
- गैर सरकारी स्कूल के बच्चें अक्सर अन्य राज्यों की यात्रा कर लेते है, क्योकि वो आर्थिक रूप से मजबूत परिवार से सम्बन्ध रखते है. लेकिन सरकारी स्कूल के बच्चें मध्यम आय वाले या गरीब परिवार से आते है जिस वजह से वो इस तरह की यात्रा से वंचित रह जाते है उन्हें इस योजना के तहत देश-विदेश को जानने और समझने का मौका मिलेगा.
- सबसे पहले इस योजना के तहत बच्चों को आगरा और दिल्ली का भ्रमण कराया जायेगा. उनके लिए उचित भोजन और उनकी सम्पूर्ण सुरक्षा का पूरा ध्यान इस यात्रा के दौरान रखा जायेगा.
- विद्यार्थियों के 18 सितम्बर से 22 सितम्बर अर्थात 5 दिन की इस शैक्षणिक यात्रा के दौरान मार्गदर्शक बल और शिक्षकों को बच्चों के साथ उनके माता पिता की तरह व्यवहार करते हुए उन्हें अपना समझते हुए कार्य को करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है.
निष्कर्ष (Conclusion)
इस योजना से बच्चों का बौद्धिक विकास होने के साथ ही विभिन्न संस्कृतियों का ज्ञान और उनका सम्मान करने की भावना का विकास होगा. बच्चों के साथ शिक्षक भी इस भ्रमण योजना को लेकर काफ़ी उत्साहित है, क्योंकि उन्हें भी बच्चों के साथ समय बिताने और उन्हें समझने का मौका मिलेगा. इससे बच्चे अपनी बात को भयमुक्त होकर शिक्षक के समक्ष रख सकेंगे.
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